Thursday, September 11, 2025
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धम्म अनुयाइयों के दबाव में अयोध्या में रोक दिया गया…

LUCKNOW : साकेत मुक्ति आन्दोलन के लिए किए जा रहे हैं हमारे प्रयासों में आप सभी ने बढ़-चढ़कर के अपनी भागीदारी सुनिश्चित की पूरे देश के 500 से भी ज्यादा जिलों से ज्ञापन सौंपा गए इस तरह हमारी बात विश्व में गई । भारत से धम्म अनुयाइयों की आवाज़ यूनेस्को तक भी पहुंची । पूरे विश्व के धम्म अनुयाइयों के दबाव में अयोध्या में समतलीकरण का काम रोक दिया गया । एक तरह से यह धम्म अनुयाइयों की बड़ी सफलता है ।

समस्त देशवासी इसके लिए बधाई के पात्र हैं। डॉ0 अम्बेडकर राष्ट्रीय एकता मंच समस्त देशवासियों का कृतज्ञ है । और आप सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करता है । इतिहास गवाह है कि कोशल के राजा प्रसेनजित ने धनंजय सेठ के लिए साकेत नगरी बसाया था । जब बुद्ध पहली बार श्रावस्ती आए तब साकेत के पास घंघर (घाघरा) नदी के किनारे जो आज घागरा है जिस स्थान पर धनंजय सेठ की पुत्री विशाखा को धम्म का उपदेश दिया था वही स्थान आयुध और कालांतर में अयोध्या कहलाया ।

यहीं पर राजा प्रसेनजित ने बावरी नामक भिक्खु के लिए बुद्ध विहार बनवाया था , और उसे बावरी को दान कर दिया था । समय बीतने के साथ जब मगध पर सम्राट अशोक का शासन हुआ तब सम्राट अशोक ने जम्मूदीप में जहां-जहां भी बुद्ध गए थे । उन स्थानों पर 84000 स्तूप बनवाए थे उन्हीं में से एक स्तूप साकेत के पास अयोध्या में भी बना था ।

इतिहास के जानकार बताते हैं ईशा के दुसरी सदी में जब कनिष्क ने मथुरा में बुद्ध की मूर्तियां बनवा दी तब भारत के बुद्ध अनुवाइ नाग राजाओं ने कुषाणें को परास्त किया । और बुद्ध को शिव (कल्याणकारी) एवं बुद्ध स्तूपों को शिवलिंग (कल्याण के प्रतीक) कहा। और नैमीसारण ,वाराणसी ,प्रयाग ,उज्जैन आदि जगहों पर स्तूपों शिवलिंगां) का जलाभिषेक किया । ईशा के सातवीं सदी में सम्राट हर्षवर्धन ने बुद्ध मूर्तियों एवं स्तूपों का समन्वय किया । और प्रयाग में हर पांचवें वर्ष कुंभ मेले का आयोजन कराया ।

छठवें कुम्भ मेले में सम्राट ने ह्वेंगसांग को विशाल बुद्ध प्रतिमा दान की , भारत बुद्ध भूमि है । जिसे सम्राट अशोक और सम्राट हर्षवर्धन जैसे नाग राजाओं ने भारत को बुद्धमय बनाया था । भारत नागों की धरती है और हर भारतवासी भारती नागवंशी है । 19 जून 2020 को पूज्य भन्ते सुमित रतन जी डॉ0 अम्बेडकर राष्ट्रीय एकता मंच के प्रधान कार्यालय चंचल काॅम्पलेक्स वर्लिंगटन चैराहा लखनऊ पधारे और साकेत मुक्ति आंदोलन के बारे में डॉ0 अम्बेडकर राष्ट्रीय एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष भवन नाथ पासवान से विस्तृत चर्चा कि भवन नाथ पासवान जी ने पूज्य भन्ते जी को आश्वासन दिया कि डॉ0 अम्बेडकर राष्ट्रीय एकता मंच साकेत मुक्ति आंदोलन के प्रति प्रतिबद्ध है और जरूरत पड़ने पर आन्दोलन के लिए पूरे देश में सड़क पर भी उतरेगा । भगवान बुद्ध सबका मंगल करें सबका कल्याण करें

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