मेरठ में पुलिसकर्मी तो कानपुर में युवा दम्पित्त ने फांसी लगाकर मौत के आगोश में सो गये।
MEERUT : ब्रह्मपुरी थाने में तैनात एक हेड कांस्टेबल मांगेराम ने परिसर के भीतर अपने क्वार्टर में फांसी लगाकर जान दे दी। सुसाइड का कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन उनकी जेब से डिप्रेशन दूर करने की दवाओं का एक पर्चा मिला है।
वहीं कानपुर के युवा दम्पित्त ने भी देर रात फांसी के फंदे से लटक गया। राकेश नाम का व्यक्ति अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहता था। लाकडाउन के दौरान उसकी नौकरी चली गयी और दोबारा कहीं नौकरी लगी नहीं। मोहल्लों वालों के मुताबिक इसी बात को लेकर पति और पत्नी में खूब लड़ाई होती थी। बीती रात भी दोनों में लड़ाई और दोनों एक ही साड़ी के फंदे में जान दे दी।
मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक यह समय खुश रहने का है और लड़ाई करने का नहीं। कोरोना काल में स्थितियां विपरीत है और ज्यादा समय तक नहीं रहेगी। एक बार फिर खुशहाली का दौर लौटेगे। ऐसे समय में खुद को संयमित रखे और जैसे भी हो निराशा अपने उपर हावी न होने दे।
बात मेरठ पुलिसकर्मी की करे तो उनके रूममेट कांस्टेबल अजय कुमार ने बताया कि मैं रात 8 बजे के आसपास क्वार्टर पर पहुंचा, लेकिन कमरे को अंदर से बंद पाया। बार-बार दरवाजा पीटने के बाद भी कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। मैंने उन्हें उनके फोन पर कॉल भी किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। तब मुझे लगा कि कुछ गड़बड़ है और दूसरों की मदद से दरवाजा खोला। हमने उन्हें सीलिंग से फांसी पर लटका पाया।