पीएम नरेन्द्र मोदी ने स्किल मिशन की छठी वर्षगाठ पर युवओं से किसी भी स्किल में महारत हासिल करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यदि आप कोई नई स्किल नहीं सीख रहे हैं तो आपकी पर्सनाल्टी आप पर बोझ बन जाता है वहीं खुद के लिए नहीं बल्कि स्वजनो के लिए बोझ बन जाती है। स्किल सिर्फ रोजी रोटी नहीं पैसे कमाने का जरिया नहीं बल्कि हमारी ड्राइविंग फोर्स का काम करती है। हमारे लिए नई उर्जा का काम करती है।
स्किल की कया ताकत होती है
उन्होंने खुद से जुड़े एक अनुभव को साझा करते हुए कहा कि युवा अवस्था में में ट्राइबल बेल्ट में काम करता थे। एक बार कुछ साथियों के साथ कहीं जाना था हम लोग जीप से जा रहे थे कि जंगल में जीप खराब हो गयी। 7—8 घंटे तक ठीक नहीं हुई तो गांव से मैकेनिक बुला कर लाये। उसने दो मिनट में जीप ठीक करदी। उससे पैसे पूछे तो 20 रूपये बताए। किसी साथी ने कहा कि 2 मिनट के 20 रूपय तो ज्यादा है तो उसका जवाब मुझे आजतक प्रेरणा देता है। उसने कह कि 2 मिनट का पैस नहीं ले रहा हूं 20 वर्ष के अनुभव का पैसा ले रहा हूं। स्किल यही होता है। स्किल आप की प्रतिभा को प्रेरक बना देता है।
एक और चीज समझना जरूरी है, लोग स्किल को लेकर हमेशा कन्फयूजन पैदा करते हैं। ऐसे लोगों को मैं हमेशा उदहारण देता हूं। कि यटयूब पर देख सकते हैं कि साइकिल कैसे चलाई जाती है। साइिकल के पैडल कैसे होते हैं यह नालेज हुई। आप वास्तव में साइकिल चलाने लगेगे इस बात की गारंटी नहीं। साइकिल चला लेना स्किल है और साइकिल के बारे में जानकारी यह नालेज है।
उन्होंने कहा कि आज भारत में नालेज और स्किल के अंतर को समझना जरूरी होगा। आज से पांच वर्ष पहले आज ही के दिन स्किल इंडिया मिशन शुरू किया गया। इसका मकसद यही था कि नालेज के साथ कौशल मिले। आईटीआई की संख्या बड़ाई। पांच करोड़ से ज्यादा स्किल डेवलपमेंट दिया जा चुका है। यह अभियान जारी है। तेजी से बदलती दुनिया में लाखों स्किल्ड लोगों की जरूरत है। हेल्थ सेक्टर में लाखों संभावनाएं बन रही है।
कोशिश यही है कि भारत के युवाओं को अन्य देशों की संभावनाओं की सही और सटीक जानकारी हो। किस देश में कौन से सर्विस सेक्टर में क्या डिमांड बड़ रही है। इस तरह की जानकारी अब भारत के युवाओं को मिल सकेगी।