NEW DELHI : सिर्फ इंसान ही नहीं बल्कि भेड़, बकरी और सुअर को भी आधार से जोड़े जाने का काम शुरू हो चुका है। पशुओं को इस योजना से जोड़े जाने के लिए ‘पशु आधार’ योजना को शुरू किया जा चुका है और इस के तहत 53.5 करोड़ पशुओं को 12 अंकों का आधार कार्ड मिलेगा। सरकार का दावा है कि योजना पर कार्य होने के बाद यह विश्व का सबसे बड़ा पशु डाटा बेस होगा जिससे देश को कई फायदे होंगे।
लोकसभा सत्र के दौरान एक लिखित सवाल का उत्तर देते हुए विभागीय मंत्री संजीव बालियान ने बताया कि राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड ने पशु उत्पादकता और स्वास्थ्य के लिए सूचना प्रणाली विकसित की है। पशुओं को मिलने वाले 12 अंकों के विशिष्ट पहचान संख्या(यूआइडी) का उपयोग राष्ट्रीय डेटाबेस में हो रहा है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार पशुओं के वैज्ञानिक प्रजनन, रोगों के फैलाव को रोकने, दुग्ध उत्पादों का व्यापार बढ़ाने के उद्देश्य से 12 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या(पशु आधार) का उपयोग कर दुधारु गोवंशों और भैसों की पहचान कर रही है। इसे पशु संजीवनी घटक स्कीम के तहत लागू किया जा रहा है, जिसे अब राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत शामिल किया गया। मंत्री ने बताया कि पशु आधार की सुविधा अब भेड़, बकरी और सुअर को भी जोड़ा जा रहा है। इस प्रकार 53.5 करोड़ पशुओं को आधार नंबर दिया जा रहा है.
सितंबर 2019 में शुरू हुए राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत आधार नंबर से पशुओं की पहचान करना आसान हो गया है. इस योजना के तहत प्रत्येक पशु के कान पर एक 12-अंकों के यूआईडी वाला थर्मोप्लास्टिकपॉलीयूरेथेन टैग लगाया जाता है.