Wednesday, November 6, 2024
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एक और टाइगर इंसानों की ज़द में, कहीं जान से हाथ न धोना पड़े

कर्तिनया घाट से इरफान अब्बासी की लाइव रिपोर्ट

BEHRAICH/KARTANIYA GHAAT : यह सही है कि इंसानी जान की कोई कीमत नहीं लेकिन यह भी सही है कि इसानों की जान का बहाना लेकिर टाइगर जैसे जानवर को मौत के घाट उतार दिया जाए। यह एक बड़ा मुददा है, इस विषय पर गंभीर बहस हो और सार्थक हल निकलना चाहिए। क्या तेंदुए इंसानी बस्तियों में आ रहे हैं या फिर इंसान तेंदुओं के जगंल में जाकर इको स्सिटम को बबार्द कर रहे हैं ।

बाहरहाल एक और टाइगर नरभक्षी बनने की कगार पर पहुंच गया है। अभी कुछ दिन पहले ही एक टाइगर की उस समय मौत हो गयी थी जब उसे वन विभाग की टीम ने ट्रेक्यूलाइज किया था।

बहराइच के कतर्नियाघाट वन्यजीव रेंज क्षेत्र में खूंखार जानवरों का आतंक जारी है। जंगल से निकले तेंदुए और बाघ लगातार राहगीरों और ग्रामीणों को अपना शिकार बना रहे हैं। ताजा मामला जनपद बहराइच के मुर्तिहा इलाके का है जहां पर गश्त पर निकले दरोगा और वनकर्मी समेत 6 लोगों को तेंदुए ने घायल कर दिया।

वनकर्मियों के चीखने की आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे अन्य राहगीरों को भी तेंदुए ने घायल किया है। सभी घायलों का इलाज नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में किया जा रहा है।बताया जा रहा है कि दनयीगौड़ी में इलाकाई दरोगा राजकुमार हमराही के साथ गस्त पर थे तभी झाड़ियों से निकला तेंदुआ हमला कर दिया।

दरोगा की आवाज सुनकर मौके पर पहुँचे वनकर्मी और अन्य राहगीरों पर भी खूंखार तेंदुए ने हमला किया जिसमें कुल 6 लोग घायल हुए हैं। सभी का उपचार अस्पताल में किया जा रहा है सूचना पाने के बाद मौके पर पहुँचे डब्लू डब्लू एफ के कर्मचारी और वनकर्मी तेंदुए को पकड़ने की जुगत में जुट गए हैं।

हालांकि काफी देर तक यह मामला बहराइच और लखीमपुर के सीमा विवाद को लेकर भी फंसा रहा लेकिन आखिरकार अब कतर्नियाघाट वन्यजीव की टीम और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के अधिकारी मौके पर पहुंचकर तेंदुए को पिंजरे में कैद करने की कवायद कर रहे हैं।

News Desk
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