NEW DELHI : दिल्ली के पीतमपुर से पकड़े गये चीनी जासूस पत्रकार राजीव शर्मा को खबर के एवज में 500 डॉलर प्रति आर्टिक्ल एक शैल कंपनी के जरिये मिलते थे। भारतीय खुफिया एजेंसियों की जद में आये पत्रकार राजेश शर्मा ने पूछताछ में कई एहम जानकारियां दी है।
पूछताछ के दौरान राजीव शर्मा ने गुप्त और संवेदनशील जानकारी की खरीद में अपनी भागीदारी का खुलासा किया है। शर्मा ने कुनमिंग, चीन में स्थित अपने चीनी हैंडलर्स माइकल और जॉर्ज से अलग-अलग डिजिटल चैनलों के माध्यम से हुई बातचीत से भी अवगत कराया्। उन्होंने आगे खुलासा किया कि वह उनके संचालकों को गुप्त बरामद किर गए दस्तावेज भेजने वाले थे।
पुलिस ने कहा कि इससे पहले भी शर्मा ने अपने संचालकों को रिपोर्ट के रूप में कई दस्तावेज भेजे थे और इसकी एवज में उन्हें बड़ी राशि मिली थी। पुलिस के अनुसार, 2010-2014 के दौरान वह ‘ग्लोबल टाइम्स’ के लिए एक साप्ताहिक कॉलम लिखते थे, जिसे चीनी सरकार का मुखपत्र माना जाता है।
चीन से एक चीनी खुफिया एजेंट माइकल ने अपने लिंक्डइन अकाउंट के माध्यम से राजीव शर्मा से संपर्क किया और उन्हें चीनी मीडिया कंपनी के साथ साक्षात्कार के लिए कुनमिंग में आमंत्रित किया। इस यात्रा के खर्च का वहन माइकल द्वारा किया गया था। बैठक के दौरान, माइकल और उनके जूनियर शोऊ ने राजीव शर्मा को भारत-चीन संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी प्रदान करने के लिए कहा।
2016 और 2018 के बीच राजीव शर्मा माइकल और शोऊ के संपर्क में थे। उन्हें डोकलाम सहित भूटान-सिक्किम-चीन त्रिकोणीय जंक्शन पर भारतीय तैनाती, भारत-म्यांमार सैन्य सहयोग का पैटर्न, भारत-चीन सीमा मुद्दा आदि मुद्दों पर जानकारी देने का काम सौंपा गया था। इसके बाद, राजीव शर्मा ने एक बार लाओस और मालदीव में माइकल और शाऊ के साथ बैठक की और इन विषयों पर जानकारी दी। इन यात्राओं के अलावा शर्मा ई-मेल और सोशल मीडिया के माध्यम से माइकल और शोऊ के संपर्क में भी थे।
दिल्ली पुलिस के अनुसार, जनवरी, 2019 में राजीव शर्मा एक अन्य कुनमिंग आधारित चीनी व्यक्ति जॉर्ज के संपर्क में आए थे। वह काठमांडू के रास्ते कुनमिंग गए और जॉर्ज से मिले, जिन्हें एक चीनी मीडिया कंपनी के महाप्रबंधक के रूप में पेश किया गया था। बैठक के दौरान, जॉर्ज ने राजीव शर्मा से दलाई लामा से संबंधित मुद्दों के बारे में लिखने के लिए कहा।
इसके लिए राजीव शर्मा को प्रति लेख 500 अमेरिकी डॉलर की पेशकश की गई थी। जॉर्ज ने शर्मा से कहा कि वे उसे महिपालपुर, दिल्ली में स्थित कंपनी के माध्यम से पैसा भेजेंगे। शर्मा ने जनवरी 2019 से सितंबर 2020 तक लगभग 10 किस्तों में जॉर्ज से 30 लाख रुपए से अधिक प्राप्त किए। उन्होंने आगे मलेशिया में जॉर्ज के साथ और फिर कुनमिंग में बैठकें कीं।
जांच के दौरान, यह पता चला कि शर्मा को धन हस्तांतरित करने के लिए विदेशी खुफिया एजेंटों द्वारा शेल कंपनियों का संचालन किया जा रहा था। इस मामले में पूरे नेटवर्क और साजिश का पता लगाने के लिए जब्त मोबाइल फोन और लैपटॉप का फॉरेंसिक विश्लेषण किया जा रहा है। साजिश में शामिल अन्य विदेशी नागरिकों की पहचान और भूमिका का भी पता लगाया जा रहा है।