LUCKNOW : जो दूसरों की एफआईआर दर्ज करते थे उनके खिलाफ ही एफआईआर दर्ज हो गयी और यह हो सका है योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के कारण। उत्तर प्रदेश के मेरठ में आईपीएस अधिकारी अजय पाल शर्मा और हिमांशु कुमार के खिलाफ उनके ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए कथित रूप से पैरवी करने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उन पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
ध्यान रहे कि कुछ समय पूर्व एक वीडियो क्लिप ने यूपी में तहलका मचा दिया था। उस क्लिप में नोएडा पुलिस प्रमुख वैभव कृष्ण का एक लड़की के साथ अश्लील वीडियो था। वैभव कृष्ण ने अपने उपर लगे इन आरोपों की सफाई देने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी और खुद को बेकसूर कहा था। उन्होंने कहा था कि उनकी इमेज को खराब करने के लिए इस तरह की हरकत की गयी है।
मामला और आगे तब बड़ा जब वैभव कृष्णा ने पुलिस उपमहानिरीक्षक और मुख्य सचिव (गृह) से अपनी सफाई में एक लिखित शिकायत दर्ज की थी। जिसमें उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने तत्कालीन नोएडा एसएसपी अजय पाल शर्मा और अन्य अधिकारियों सुधीर सिंह, राजीव नारायण मिश्रा, गणेश शाहा और हिमांशु कुमार की पोस्टिंग की पैरवी में शामिल पांच पत्रकारों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया था। जिसके एवज में उन के खिलाफ कुछ लोगों ने साजिश रची है। वैभव कृष्ण को इस साल की शुरुआत में निलंबित कर दिया गया था।