SHAHJHANPUR : शायर मोहम्मद अली मियां ‘ख्याल’ के गजल संग्रह ‘आईना ए ख्याल’ का एक साहित्यिक कार्यक्रम में विमोचन किया गया। मोहल्ला ताजू खेल स्थित सपा नेता सैयद रिजवान अहमद के आवास पर आयोजित विमोचन समारोह में वक्ताओं ने संग्रह के शायर मोहम्मद अली ‘ख़्याल’ के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। साथ ही संग्रह के संपादक अब्दुल बारी खां के साहित्यिक प्रयास की प्रशंसा की।
कार्यक्रम अध्यक्ष मलिक अब्दुल वाहिद खां ने कहा कि शायर मोहम्मद अली ख्याल की रचनाओं को संग्रह के रूप में प्रकाशित करा कर साहित्य सेवी अब्दुल बारी ने दिवंगत शायर को श्रद्धांजलि दी है। लखनऊ से आए मुख्य अतिथि व्यंग्यकार अब्दुल कदीर फारुकी ‘मसरूर’ शाहजहांपुरी ने कहा कि जिन शायरों की रचनाओं का उनके जीवन में प्रकाशन नहीं हो सका। उनकी रचनाओं को संग्रह के रूप में प्रकाशित कराना बेहद आवश्यक है।
उन्होंने अब्दुल बारी के प्रयास की भरपूर सराहना की। संपादक अब्दुल बारी खां ने कहा कि पुस्तक ‘आइना ए ख्याल’ के माध्यम से उन्होंने शायर मोहम्मद अली ख्याल को उर्दू भाषा व साहित्य जगत से परिचित कराने का प्रयास किया है। साहित्यकार सैयद मशहूद जमाल ने कहा कि ख्याल शाहजहांपुरी का शुमार 19वीं सदी के शाहजहांपुर में गजल के एक प्रतिष्ठित और सशक्त हस्ताक्षर के रूप में होता है।
जब ग़ज़ल संग्रह ‘आईना ए ख्याल’ का अध्ययन करते हैं तो मोहम्मद अली ख्याल अपने समकालीन में उल्लेखनीय और अपने दौर के प्रतिनिधि शायर नजर आते हैं। कार्यक्रम में सैयद रिजवान अहमद, सेवानिवृत्त शिक्षक आफाक अली खां, इशरत सगीर आदि ने भी विचार व्यक्त किए। संचालन सय्यद मशहूद जमाल ने किया। इससे पूर्व मंचासीन अतिथियों ने गजल संग्रह ‘आईना ए ख़्याल’ का विमोचन किया। संपादक अब्दुल बारी का बैच लगाकर व शाल ओढ़ाकर सम्मान किया गया।