Agency : कोरोना का रोना जारी है, कोई भी मुल्क इस बीमारी से अछूता नहीं है। फर्क सभी पर पड़ा है। लाकडाउन और उसके बाद की स्थितियों ने सभी को रूला रहीं है। लेकिन एक बार जो अभी तक किसी की समझ में नहीं आ रही कि कोरोना क्या है? इससे कैसे निबटा जाए और यह कैसे अस्त्तिव में आया। लीजिए अक्सफोर्ड युनिवर्सिटी की नई रिसर्च रिपोर्ट ने इन तथ्यों पर पड़े पर्दे को हटा दिया है। अमेरिका की नजर में चीन खलनायाक है तो अक्सफोर्ड की रिपोर्ट कहती है कि चीन में कोरोना महामारी से आने से पहले स्पेन के कुछ शहरों में इस वायरस के लक्ष्ण दिखाई दिये थे।
यह रिपोर्ट एक नई बहस को जन्म देने के लिए काफी है। अमेरिका में चुनाव है और डोनाल्ड ट्रम्प हो या फिर उनके विरोधी कोविड 19 अमेरिका में एक अहम मुददा है और हो भी क्योंन क्योकि इस वक्त इस बीमारी से सबसे ज्यादा अमेरिका ही प्रभावित हो रहा है।
पहले सामने आई रिपोर्टों में बताया गया था कि चीन के वूहान शहर में वायरस के शुरुआत हुई हैं। लेकिन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की लेटस्ट रिपोर्ट कहती है कि कोरोना महामारी का शुरुआती स्थल वूहान शहर न होकर यूरोपीय देश स्पेन का कोई इलाका है।
एशिया में कोविड-19 के वायरस के पैदा होने से पहले विश्व में अन्य जगहों पर यह वायरस सामने आ चुका था। रिपोर्ट के अनुसार, शायद यह वायरस कई स्थानों पर पहले से ही निष्क्रिय हालत में था और खास वातावरण में सक्रिय हो गया। स्पेन की बार्सिलोना यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए शोध के मुताबिक मार्च 2019 में स्पेन के किसी क्षेत्र के गंदे पानी में इस वायरस की मौजूदगी पायी गयी थी।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि स्पेन में वायरस के अंश पाए जाने के बाद करीब नौ महीने बाद दिसंबर 2019 में चीन के वूहान में वायरस का प्रसार हुआ।
इस अध्ययन के अनुसार स्पेन के बार्सिलोना में 12 मार्च 2019 को वायरस के पहली बार लक्षण देखे गए थे। इस शोध में वैज्ञानिकों ने जनवरी 2018 से दिसंबर 2019 तक स्पेन के विभिन्न शहरों से जमा सीवेज के पानी के नमूनों की जांच की। हालांकि वायरस की मौजूदगी पानी के एक ही नमूने में पायी गयी है।
भले ही स्पेन के गंदे पानी में वायरस के लक्षण मार्च 2019 में पाए गए थे, लेकिन स्पेन में वायरस के इंसानों में संक्रमण का पहला मामला फरवरी 2020 में सामने आया था। अब इस रिपोर्ट पर विश्व के वैज्ञानिकों की प्रतिक्रिया का इंतजार है। लेकिन इतना तय है कि इस रिपोर्ट ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है कि वायरस का केंद्र चीन न होकर स्पेन था। आने वाले दिनों में इस पर जरूर चर्चा होगी, क्योंकि कुछ देश अब तक चीन को इस वायरस के प्रसार के लिए जि़म्मेदार मान रहे थे।