मेडिकल कंपनी सिप्ला को दवा बनाने वाली अमेरिकन कंपनी गिलीड ने संदिग्ध कोविड 19 इंफेंक्शन पेशेंट के इलाज के लिए उसक दवा रेमेडिसवरी को सिप्रेमी नाम से भारत में लाइसेंस प्रदान कर दिया है। खुशी की बात यह है कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने इमरजेंसी सर्विसेज के तौर पर देश में सीमित सिप्ला को नियामकीय मंजूरी दे दी है। कंपनी प्रयोगशाला में पुष्टि होने के बाद अस्पताल में भर्ती वयस्क या अवयस्क मरीजों के लिए इलाज करेगी।
एमडी और दुनिया के सीईओ, उमंग वोहरा ने कहा है कि स्प्लिा भारत में मरीजों के लिए रेमडेसिवीर को लाने के लिए गिलीड के साथ मजबूत साझेदारी की सराहना करती है। हमने कोविड-19 महामारी से प्रभावित लाखों जिंदगियों को बचाने के सभी संभावित उपायों को तलाशने में गंभीर रूप से निवेश किया है, और यह लॉन्च इस दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
एसीटीटी-1 (एडेप्टिव कोविड-19 ट्रीटमेंट ट्रायल 1) अध्ययन के अनुसार, अमेरिका, यूरोप और एशिया में 60 से अधिक केंद्रों पर 1,063 मरीजों पर रेमडिसिवीर के एक रैंडम क्लिनिकल ट्रायल से पता चला है कि इस दवा से अस्पताल में भर्ती मरीजों की क्लिनकल रिकवरी की रफ्तार प्लैसिबो की तुलना में तेज है।
सिप्ला इस दवा के इस्तेमाल पर प्रशिक्षण मुहैया कराएगी, मरीज के सहमति दस्तावेज के बारे में सूचित करेगी, पोस्ट मार्केटिंग सर्विलांस कराएगी और साथ ही भारतीय मरीजों पर एक चौथे चरण का क्लीनिकल ट्रायल कराएगी।