LUCKNOW : कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की शहादत से अहात सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने इसे योगी सरकार की ठोके नीति का परिणाम बताया है। गौरतलब है कि यूपी में अपराधियों के सफाये के लिए सरकार की तरफ से चलाए जा रहे अभियान की कमियों को समय—समय पर अलिखेश यादव उंगली उठाते रहे हैं
पार्टी दफ्तर में सपा नेता रामशरण दास की पुण्यतिथि पर उनको याद करते हुए अखिलेश यादन ने बयान जारी किया है। उन्होंन कहा है कि उत्तर प्रदेश में माफियाओं की समानांतर सरकार चल रही है। राज्य में अपराधिक अवांछित तत्वों का साम्राज्य कायम हो चुका है। यह सब ‘ठोकों नीति‘ का ही परिणाम है कि अपराधी पुलिस को ठोकने का दुस्साहसपूर्ण कृत्य करने में आगा-पीछा नहीं सोचते हैं। आखिर इतना जघन्य काण्ड करने की बदमाशों की हिम्मत कैसे पड़ गई?
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी जब तब दावा करते रहे हैं कि उनके राज में अपराधी या तो जेल भेजे गए या प्रदेश के बाहर चले गए। भाजपा नेता विकास दुबे दुर्दान्त हिस्ट्रीशीटर है। उस पर 25 हजार रूपए का इनाम था। 20 साल पहले थाने में घुसकर उसने हत्याएं की थीं। राज्य सरकार के पास इस बात का क्या जवाब है कि इस सबके बावजूद वह कैसे रह रहा था?
उन्होनें कहा कि कानपुर की एक अकेली घटना नहीं। राजधानी लखनऊ के पारा क्षेत्र में एक मजदूर की कूच-कूच कर हत्या कर दी गई, लखनऊ के ही गोमतीनगर विस्तार में एक अवकाश प्राप्त डीआइजी के घर में घुसे युवक की थाना में मौत हो गई। उसके फांसी लगाने की कहानी बताई गई। प्रयागराज में 4 हत्याएं, अमरोहा में युवक की गोली मारकर हत्या, गाजियाबाद के साहिबाबाद में पिता और आठ साल की बच्ची की हत्या हुई और महोबा में पैरौल पर आए कैदी की हत्या हुई। सोनभद्र में निषादों की हत्या की गई। इन हत्याओं से प्रदेश थर्राया है। भाजपा ने अपने काले कारनामों से उत्तर प्रदेश को हत्या प्रदेश बना दिया है।