BETIYA : उठो लाल अब आंखे खोलों पानी लाया हूं मुह धो लो। मैथलीशरण गुप्त की लिखी इस कविता की लाइने आज के हाइटेक युग में बेमानी हो गयी है। जी हां बिल्कुल सही बिहार के पष्चिमी चंपारण जिले के बैरिया थाना क्षेत्र में एक घटना ने सोचने के लिए मजबूर कर दिया है कि हम किस युग में आ गये हैं। हुआ यह कि एक पिता को अपने पुत्र को सोते से जगाना महंगा पड़ गया।
हुआ यह कि बलिराम सिंह ने अपने सो रहे अपने पुत्र नागेन्द्र सिंह को सोते से जगा दिया। बस नागेन्द्र इस बात से नाराज हो गया और उसने अपने पिता की पीट-पीटकर हत्या कर दी। नागेन्द्र सिंह सुबह सो कर नहीं उठा जब वह दोपहर तक सोता रहा तो उसकी मां उसके जगाने गयी। मां का जगना भी उसे नागवार गुजरा और उसने मां को पीटा। फिर उसका भाई जगाने गया तो उसने अपने भाई को पीटना शुरू कर दिया। पीटने की आवाज जब पिता जी के कानों मे गयी तो वह बीच बचाव कराने पहुंचे। पिता ने बेटे को समझाने की कोशिश की तो बेटे ने लटठ उठा लिया और पिता कि पिटाई कर दी। बलराम सिंह ने पुलिस में तहरीर दी तो पुलिस ने नागेन्द्र के खिलाफ मारपीट की धाराओं में मुकदमा दर्ज लिया।
मुकदमें के बाद परिवार में फिर विवाद हुआ और इस बार नागेन्द्र ने पिता की पिटाई की तो उनकी मौत हो गयी। पिता के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और मारीपीट की धाराओं को हत्या की धाराओं में बदल दिया गया है। पुलिस नागेन्द्र की तलाश में छापेमारी कर रही है। फिलहाल खबर लिखे जाने तक नागेन्द्र पुलिस की पकड़े बाहर है।