BEHRAICH : भारत को परेशान करने के इरादे से नेपाल के द्वारा लगातार नई चाल चली जा रही हैं। ताजी मिसाल पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश के पानी को लेकर है। नेपाल अब बरसात के पानी को अपने डैम में स्टोर करने के बजाए भारत के मैदानी इलाकों में सीधे छोड़ रहा है। नेपाल की इस हरकत से सीमावर्ती जिले जनपद बहराइच में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं इस भयानक बाढ़ की वजह से जनपद बहराइच की 3 तहसील क्षेत्र के 70 से अधिक गावँ प्रभावित हो रहे हैं।
लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने की वजह से सरयू नदी उफान पर आ गई है और तेजी से कटान करते हुए महसी तहसील क्षेत्र के दर्जनों गांव का अस्तित्व समाप्त कर चुकी है। विकराल रूप धारण किए हुए सरयू नदी प्रतिदिन सैकड़ों बीघा जमीन काटते हुए नदी में समाहित कर रही है जिससे खेतों में लगा धान और गन्ने की फसल नदी में समाहित हो रही है।
यही नहीं इस विकराल नदी के बहाव में अब तक तमाम घर कट चुके हैं। खेत और घर नदी में समाहित होने के बाद टिकुरी, गोलागंज,कायमपुर, भौरी समेत दर्जनों गांवों के बाढ़ पीड़ित ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया गया है।
जिलाधिकारी शम्भू कुमार के अनुरोध पर शासन द्वारा इन बाढ़ग्रस्त इलाके के लोगों की निगरानी रखने के लिए NDRF की टीम को भी लगा दिया गया है। बाढ़ ग्रस्त इलाके के लोगों की परेशानियों को देखने के लिए जिलाधिकारी शंभू कुमार ने एनडीआरएफ की टीम के साथ इलाके का जायजा लिया और राहत राशि वितरण किया।