सीतापुर। जनपद मुख्यालय से लगभग 8 किमी पूरब स्थिति ऐतिहासिक स्थानीय दरगाह हज़रत बड़े मखदूम साहब का तीन दिवसीय 520 वां सालाना उर्स आज 1 नवम्बर से प्रारम्भ हो रहा है जिसका समापन 3 नवम्बर को मखदूम शेख अबू मोहम्मद के फातेहा के साथ हो जाएगा।
दरगाह आलिया के सज्जादानशीन नजमुल हसन शोएब मियां ने बताया कि 1 नवम्बर को सांय 4:30 बजे दरगाह के लंगर खाने में तथा मग़रिब के बाद सज्जाद मियां के घर पर फातेहा ख्वाजा क़ुतुब साहब का होगा इसके बाद महफिले समा क़व्वाली होंगी।
2 नवम्बर को प्रातः क़ुरआन ख़्वानी, 9:30 बजे प्रातः फातेहा उसके बाद ग़ुस्ल मज़ार मुबारक होगा उसके बाद क़व्वाली शुरू होंगी तथा ज़ोहर से पूर्व क़ुल शरीफ होगा, उसके बाद पूर्व सज्जादानशीन शाह सज्जाद मियां का 21 वां सनाला फातेहा होगा तथा महफिले समा होगी।
इसी रात दरगाह छोटे मखदूम साहब से गागर उठकर दरगाह शरीफ पहुंचेगा उसके बाद क़व्वाली होंगी तथा 3 नवम्बर को प्रातः क़ुरआन ख़्वानी होगी तथा दोपहर से क़व्वाली शुरू होंगी इसके बाद मग़रिब की नमाज़ से पूर्व मखदूम साहब का 520 वां क़ुल शरीफ होगा।
इसी रात आपके यानी मखदूम साहब के भाई मखदूम शेख अबू मोहम्मद साहब अलैहिर्रहमा का गागर उठेगा तथा क़व्वली व तुरंत क़ुल शरीफ हो जाएगा इसके समाप्त होते ही तीन दिवसीय 520वें उर्स का समापन हो जाएगा। उर्स की तैयारी पूरी हो चुकी है।
दरगाह की देखभाल कर सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त की,उर्स की समस्त व्यवस्था सुचारू रूप से सम्पन्न कराने के लिए एक वर्किग कमेटी भी बनाई गई है। जबकि सज्जादानशीन नजमुल हसन शोएब मियां ने सभी जनमानस से अपील करते हुए कहा कि इस समय पूरी दुनिया मे कोरोना महामारी चल रही है।
जिसको देखते हुए सरकार द्वारा जारी कोविड-19 की गाइड लाइन का पालन करते हुए उर्स बड़ी सादगी से मनाया जाएगा इन तीन दिनों में न तो दरगाह पर कोई मेला लगेगा और न ही कोई बाहर दुकान लगेगी तथा औरतों का और 10 वर्ष से कम बच्चों व 60 साल से अधिक आयु के लोगों के प्रवेश पर पूर्णतया प्रतिबन्ध रहेगा।