Thursday, September 11, 2025
31 C
Lucknow

ट्रिप्ल A यानि अल्लाह, आर्मी और अमेरिका के इर्द गिर्द पाकिस्तान

Agency : पाकिस्तान आज भी अपनी कारस्तानियों को बदस्तूर जारी रखे हुए है। जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर उसकी गोलाबारी जारी है। पाकिस्तान लगातार पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा पर भारी गोलाबारी कर रहा है जिसका मुहतोड़ जवाबन भारतीय सेना ने दे रही है। पकिस्तान यह सबकुछ एक तयशुदा रणनीति के साथ करता है। वह एसा करके भारत को सीमाओं पर व्यस्त रखता है और इसके बीच वह अपने रोजमर्रा के कामकाज को आराम से जारी रखे रहता है। यानि आज भी पाकिस्तान 70 के उसी फार्मूले के इर्दगिर्द चल रहा है जो वहां की आर्मी तय करती है।

पाकिस्तान में फौज सबसे बड़ा औद्योगिक और व्यावसायिक दैत्य भी है। इसे पाकिस्तानी मिलबिज भी कहा जाता है। इसमें सेना की पांच फाउंडेशनों की सहायक कंपनियों द्वारा संचालित सौ के करीब स्वतंत्र व्यवसाय शामिल हैं। यह फाउंडेशन हैं ; फौजी फाउंडेशन (रक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित), आर्मी वेलफेयर ट्रस्ट (पाकिस्तान सेना द्वारा संचालित), शाहीन फाउंडेशन (पाकिस्तान वायु सेना द्वारा संचालित), बहरिया फाउंडेशन (पाकिस्तान नौसेना द्वारा संचालित) और पाकिस्तान आयुध फैक्ट्री बोर्ड फाउंडेशन (रक्षा मंत्रालय के तहत संचालित)।

इस विशालकाय उद्यम का ढांचा पाकिस्तान में खुद में सभी कुछ समेटे हुए है। सीमेंट से लेकर अनाज, सामान्य बीमा से लेकर गैस, उर्वरक से लेकर मत्स्यपालन, बीज से लेकर खेतों तक, परिधान से लेकर विमानन तक, मांस से लेकर चिकित्सा उपकरण तक, नाम जो भी आप दें, पाकिस्तान में मिलबिज सीमाओं की रक्षा के अपने मूल कर्तव्य के साथ बहुत कम या कोई भी संबंध नहीं रखने वाले उत्पादों को बेचने में लगा हुआ है।

आयशा सिद्दीका ने अपनी पुस्तक मिल्रिटी इंक – इनसाइड पाकिस्तान मिल्रिटी इकोनॉमी में फौज इंक का वर्णन इस रूप में किया है–सैन्य पूंजी जो कि सैन्य बिरादरी के निजी लाभ के लिए उपयोग की जाती है, विशेष रूप से अधिकारी संवर्ग के लिए, लेकिन इसे ना तो रिकॉर्ड किया जाता है और न ही यह रक्षा बजट का हिस्सा है। उन्होंने इस मिलबिज को कम से कम 20 अरब डॉलर का बताया है।

द बुक रिव्यू-लिटरेरी ट्रस्ट, इसका मूलभूत रूप से खुलासा किया गया है कि कैसे फौज इंक पाकिस्तानी समाज पर हावी है। राज्य, समाज और अर्थव्यवस्था के सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सैन्य बिरादरी का प्रसार, सशस्त्र बलों की क्षमता में विश्वास से कहीं अधिक का प्रतिनिधित्व करता है। एक समूह के रूप में सेना ने खुद को एक वर्ग के स्तर तक उन्नत किया है और इसके मौजूदा व सेवानिवृत्त सदस्य अपने संगठन की विशाल शक्ति के बल पर खुद को अन्य घरेलू कारोबारियों की तुलना में लाभान्वित कर रहे हैं।

इस अहसास के साथ कि आधुनिक सामाजिक ढांचे में पैसा ही शीर्ष है, यह जटिल जाल अपनी सत्ता मजबूत करता है। इन वाणिज्यिक उद्यमों को संचालित करने वाले फाउंडेशन पाकिस्तान के कानूनों के तहत चैरिटी या सोसाइटी के रूप में पंजीकृत हैं, न कि कंपनियों के रूप में। फौजी फाउंडेशन, शाहीन फाउंडेशन और बहरिया फाउंडेशन 1890 के चैरिटेबल एंडाउमेंट एक्ट के तहत पंजीकृत हैं। आर्मी वेलफेयर ट्रस्ट सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत स्थापित किया गया था। प्रत्येक फाउंडेशन प्रशासन की एक समिति द्वारा संचालित किया जाता है, जिसकी अध्यक्षता सेना के तीनों अंगों में से किसी एक के प्रमुख के द्वारा की जाती है। यह सब मिलकर पाकिस्तान के सबसे बड़े औद्योगिक और व्यापारिक कांप्लेक्स का गठन करते हैं, हालांकि इनमें से कोई भी कंपनी अधिनियम 2017 के तहत दर्ज नहीं है, जो कि लाभ कमाने वाले उद्यमों पर लागू है।

पाकिस्तान सेना इनके साथ ही स्पेशल कम्युनिकेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ), द नेशनल लॉजिस्टिक्स सेल (एनएलसी) और फ्रंटियर वर्क्‍स ऑर्गनाइजेशन (एफडब्ल्यूओ) को भी संचालित करती है। तीनों संगठनों और इनके साथ पाकिस्तान जल और विद्युत विकास प्राधिकरण के प्रमुख पाकिस्तान सेना के वरिष्ठ अधिकारी होते हैं। इससे पहले, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचए) का भी वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों द्वारा नेतृत्व और प्रबंधन किया जा रहा था, लेकिन वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण सेना को हाल के वर्षों में इसे नागरिक प्रशासन को सौंपना पड़ा।

एससीओ की स्थापना 1976 में उत्तरी क्षेत्रों और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में संचार नेटवर्क बनाने के लिए की गई थी। एनएलसी को 1978 में एक कार्गो कंपनी के रूप में बनाया गया था और इसके पास ट्रकों और समुद्री नौकाओं-जहाजों का एक बड़ा बेड़ा है। एफडब्ल्यूओ की स्थापना 1966 में चीन से पाकिस्तान को जोड़ने वाले काराकोरम राजमार्ग के निर्माण के लिए की गई थी। एससीओ, एनएलसी और एफडब्ल्यूओ के खास पदों पर पाकिस्तान के सैन्य अधिकारी विराजमान रहते हैं। इन्हें आकर्षक नियुक्तियों के रूप में देखा जाता है, जिसमें पैसा बनाने और व्यावसायिक क्षेत्र के साथ कनेक्शन बनाने के काफी अवसर मिलते हैं।

एससीओ, एनएलसी और एफडब्ल्यूओ को मूल रूप से रणनीतिक अर्ध सैन्य संगठन के रूप में बनाया गया था लेकिन यह सभी मुनाफा कमाने के उद्देश्य के साथ खुद को नागरिक डोमेन में लाते गए। यह सभी सरकारी ठेकों के लिए बोली लगाते हैं और अक्सर चयन प्रक्रिया में इन्हें ही चुन लिया जाता है। उदाहरण के लिए, पाकिस्तान-भारत की सीमा पर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर को जोड़ने वाली करतारपुर कॉरीडोर परियोजना के सिविल कार्यों के लिए सेना की स्वाभाविक पसंद एफडब्ल्यूओ रहा। एफडब्ल्यूओ द्वारा 2019 में किए गए सिविल कार्यों की गुणवत्ता तब स्पष्ट हो गई जब अप्रैल में एक आंधी के दौरान पुनर्निर्मित गुरुद्वारा के आठ गुंबद गिर गए।

सिद्दीका ने अपने बिना किसी लाग-लपेट वाले निष्कर्ष में कहा है: आर्थिक उपक्रमों में सेना की भागीदारी का सबसे गंभीर परिणाम राज्य के राजनीतिक नियंत्रण के बारे में उसके निर्णय की भावना से संबंधित है। सशस्त्र बलों की वित्तीय स्वायत्तता इसके अधिकारियों में राज्य के राजनीतिक नियंत्रण को बनाए रखने में रुचि जगाती है। चूंकि, राजनीतिक शक्ति अधिक वित्तीय लाभों का पोषण करती है, ऐसे में सैन्य बिरादरी इसे बनाए रखने को लाभदायक पाती है। इस संबंध में, आर्थिक और राजनीतिक हित एक चक्रीय प्रक्रिया में जुड़े हुए हैं: राजनीतिक शक्ति आर्थिक लाभ की गारंटी देती है और यही अधिकारी कैडर को शक्तिशाली बने रहने के लिए प्रेरित करती है।

Hot this week

Nikah पढ़वाई 11 लाख , जूता चुरवाई 11 लाख

मेरठ की शादी में बरसे नोट ढाई करोड़ की...

Sajjad Bagh में एक बड़ा हादसा टला

सरकार टुडे, 28 नवम्बर, लखनउ। बीती रात सज्जादबाग (Sajjad...

(Trauma-Bond) ट्रामा बांड के शिकार, कहीं आप भी तो नहीं हो रहे

सुपर—डुपर स्पेशल स्टोरी सिर्फ आप के लिए खतरनाक बीमारी धीरे—धीरे...

Khamani: दहाड़े खामनेई, इजरायल को मिलेगा मुहतोड़ जवाब

ईरान के उपर हुए 1 अक्टूबर को मिसाइल हमले...

Topics

Nikah पढ़वाई 11 लाख , जूता चुरवाई 11 लाख

मेरठ की शादी में बरसे नोट ढाई करोड़ की...

Sajjad Bagh में एक बड़ा हादसा टला

सरकार टुडे, 28 नवम्बर, लखनउ। बीती रात सज्जादबाग (Sajjad...

(Trauma-Bond) ट्रामा बांड के शिकार, कहीं आप भी तो नहीं हो रहे

सुपर—डुपर स्पेशल स्टोरी सिर्फ आप के लिए खतरनाक बीमारी धीरे—धीरे...

Khamani: दहाड़े खामनेई, इजरायल को मिलेगा मुहतोड़ जवाब

ईरान के उपर हुए 1 अक्टूबर को मिसाइल हमले...

Sexual Harassment का वर्लड रिकार्ड! गुरू पर गंदे आरोप…

चिंताजनक खबर.... प्रोफेसर है कि जल्लाद, पूरी युनिवर्सिटी की लड़कियों...

Short Selling कर शेयर मार्केट में अब पैसा बनाना मुश्किल होगा!

सेबी ने शार्ट सेलिंग के लिए बदले नियम!...

18 years of age तक के लोगों के लिए यूपी में नये नियम!

सरकार टुडे विशेष यदि आप उत्तर प्रदेश में रहते हैं...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img