LUCKNOW : अनामिका शुक्ला कांड की गूंज पूरे शिक्षा विभाग में सुनाई दे रही है। सभी जिलों के बीएसए सर्तक हो गये हैं और फर्जी शिक्षकों को ढूढं कर उनपर कार्रवाई की जा रही है। इस नेक काम की शुरूआत हुई है सीतापुर डिस्ट्रिक्ट से वहां के बेसिक शिक्षा अधिकारी अजीत कुमार ने फर्जी अभिलेखों से नौकरी पाने वाले 2 शिक्षकों को बर्खास्त कर संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश भी दिए हैं।
सीतापुर जिले में फर्जी अभिलेखों से नौकरी पाना दो शिक्षकों को मंहगा पड़ गया। दोनों शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेख सत्यापन के दौरान फर्जी पाए जाने पर बीएसए ने उन्हें बर्खास्त कर दिया है। साथ ही संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश भी दिए हैं।
आगरा के अर्जुन नगर निवासी आकाशदीप पुत्र सियाराम सागर बेहटा विकासखंड के दारापुर प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात थे। साल 2010 में उनकी नियुक्ति गणित और विज्ञान शिक्षक के पद पर हुई थी। आकाशदीप ने अपने प्रपत्रों में बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय झांसी की तरफ से जारी शैक्षिक अभिलेखों को लगाया था. फिर से सत्यापन में ये अभिलेख फर्जी पाए गए हैं। इसी प्रकार मथुरा के नगला भरतिया निवासी पुष्पेंद्र सिंह पुत्र राघवेंद्र सिंह बेहटा ब्लॉक के हजरतपुर उच्च प्राथमिक विद्यालय में तैनात थे। उन्होंने राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के अभिलेख संलग्न किए थे। सत्यापन के दौरान यह अभिलेख फर्जी पाए गए हैं।
सत्यापन के दौरान दोनों शिक्षकों के अभिलेख फर्जी पाए जाने पर उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। वेतन के रूप में अब तक आहरित की गई सारी धनराशि को वसूलने के आदेश दिए गए हैं।