GORAKHPUR : गोरखपुर की पुलिस परेशान थी कि शिमला का दो माह के बच्चे को कौन गायब कर सकता है। जांच में जुटी पुलिस ने जब इस केस पर काम करना शुरू किया तो न सिर्फ बच्चा बरामद हुआ बल्कि उसके गायब करने वाले का चेहरा भी सामने आ गया। पुलिस खुद हैरान है कि आखिर एक सगी मां अपने सगे बच्चे को कैसे बेच सकती है।
गोरखपुर पुलिस ने गायब बच्चे को बरामद कर उसकी मां और उसे 10 हजार रुपये में खरीदने वाली महिला तथा बिचौलिए को गिरफ्तार कर लिया है। महिला ने बिचौलिए के माध्यम से खुद अपनी मर्जी से बेटे को बेच दिया था।
गीडा थाना क्षेत्र के नौसढ़, बेलदारी टोला में परिवार के साथ रहने वाले जय सिंह और उनकी पत्नी शिमला देवी के पास शुक्रवार की रात में सो रहा उनका मासूम बेटा संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो गया। दुधमुंहे बेटे के गायब होनेे की जानकारी जयसिंह ओर शिमला को शनिवार की भोर में तब हुई जब वे नींद से जागे।
दम्पति ने बेटे की काफी तलाश की लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। उन्होंने आस-पास रहने वाले परिवारों से भी पूछताछ की लेकिन किसी ने कोई जानकारी नहीं दी। घबराए दम्पति ने इस मामले की जानकारी गीडा थाने की पुलिस को दी। सूचना पाते ही गीडा थानेदार सुनील और नौसढ़ चौकी की पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने भी लोगों से पूछताछ की लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कर मासूम की तलाश शुरू कर दी थी।
पुलिस ने जय सिंह के पड़ोस के ही एक मकान में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखी तो उनके होश उड़ गए। जय सिंह की पत्नी शिमला एक अन्य महिला के पीछे-पीछे जाती दिखी। पुलिस ने मासूम की मां शिमला देवी को हिरासत में ले लिया और सख्ती से पूछताछ की। पुलिस की सख्ती के आगे वह टूट गई और पूरा मामला खुल गया। शिमला ने स्वीकार लिया कि उसने शंभु सिंह के कहने पर 10 हजार रुपये में बच्चे को एक महिला को बेच दिया है।
शिमला के बताने पर पुलिस ने गोरखनाथ थाना क्षेत्र के सूर्य बिहार कालोनी निवासी शंभू सिंह को हिरासत में ले लिया लिया। शंभु सिंह ने बताया कि बच्चा देवरिया जिले के रामपुर कारखाना थाना क्षेत्र स्थित विशुनपुर कला निवासी रम्भा देवी पत्नी नौमी प्रसाद के पास है। रम्भा देवी बच्चे को लेकर शाम 4 बजे जिला अस्पताल पर पहुंच रही है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्चे को बरामद कर लिया और रम्भा को भी हिरासत में ले लिया।