Kanpur : विकास दुबे तेरे अंजाम पर तरह—तरह की बातें हो रही है। जिस विकास दुबे के एक फोन पर बेरोज़गार को रोजी मिलती थी। विकास दुबे खड़ा हो जाए तो काम होजाता था। बिकारू गांव में विकास की मर्जी के बिना पत्ता भी नहीं हिलता था। आज वही विकास सफेद कफन में लिपटा काफी देर लावरिस पड़ा रहा और उसका कोई शव लेने नहीं आया।
विकास की मौत के बाद सबसे पहले उसका कोरोना टेस्ट करवाया गया। कोरोना टेस्ट निगेटिव आने के बाद विकास का पोस्टमार्टम शुरू हुआ। पोस्टमार्टम होने के काफी देर बाद विकास का शव लेने कोई नहीं आया। पुलिस रिश्तेदारों का इंतेजार करती रही। काफी देर बाद विकास के रिश्ते का साला शव लेने आया।
विकास दुबे का शव का शाम सवा सात बजे भैरव घाट विद्युत शवदाह गृह पहुंचा, वही हुआ अंतिम संस्कार। वहां अंतिम संस्कार में इस कुख्यात बदमाश का सिर्फ एक रिस्तेदार ही पहुंचा। कई थानों की फोर्स मौजूद रही। अंतिम संस्कार के बारे मे विकास के पिता ने कहा कि हमें किसी ने बताया कि हमारा बेटा मारा गया है हमने कहा ठीक किया गया। उन्होंने कहा कि मैं उसके अंतिम संस्कार पर क्यों जाऊं। हमारा कहा वो मानता तो आज इस दशा को क्यों प्राप्त होता। उसने हमारी कभी मदद नहीं की।