DHAKA : बंग्लादेश में नई पहल सामने आई है। वहां एक ऐसा मदरसा खोला गया है जिसमें सिर्फ ट्रांस्जेंडर ही पढ़ाई कर सकेंगे। इस मदरसे में पढ़ने वालों की संख्या 100 तक हो सकती है। यह मदरसा एक बोर्डिंग मदरसा होगा।
यहां पढ़ने वालों की पढ़ाई के साथ दूसरी सभी चीजों का ख्याल मदरसा बोर्ड करेगा। इस मदरसे का नाम ‘दावतुल कुरान थर्ड जेंडर मदरसा’ है जो कामरंगिरचार में लोहार ब्रिज ढाल इलाके में खोला गया है।
मदरसा संचालन से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि यहां ट्रांसजेंटर को क़ुरान की तालीम दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यहां टेक्निीकल एजूकेशन के भी इंतजाम किये जाएंगे। मदरसा अलग—अलग जगहों पर दूसरे बच्चो को पहले से यह सुविधा मुहैया करा रहा है।
ज्यादातर ट्रांस्जेंड की एक ही समस्या होती है कि समाज उन्हें वह स्थान नहीं देता जिसके वह हक़दार है। इन्हें स्कूल/ मदरसों में जाने से रोका जाता है। खुद परिवार के लोग नहीं चाहते कि यह बच्चे स्कल जाए। ऐसे में ट्रांस्जेंडर पढ़ नहीं पाते और जैसे जैसे यह बड़े होते हैं इनकी दुनिया अलग बस्ती जाती है।